छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक बड़े भ्रष्टाचार मामले में कड़ा फैसला सुनाया है। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा एक भूखंड के अवैध आवंटन मामले में हाईकोर्ट ने सीईओ सौरभ कुमार और सहायक प्रबंधक को जमकर फटकार लगाई है। इतना ही नहीं, कोर्ट ने पूरी अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह भूखंड एक उद्योग, न्यू टैक ग्रुप को 27 सितंबर, 2021 को आवंटित किया गया था। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यह आवंटन कोर्ट में इस मामले पर अंतिम फैसला आने से पहले ही कर दिया गया था।

हाईकोर्ट ने इस मामले में एनआरडीए के एफिडेविट को असंतोषजनक करार दिया है। इतना ही नहीं, सुनवाई के दौरान सीईओ के बजाय जूनियर अफसर को भेजे जाने पर भी अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। इस दौरान हाईकोर्ट ने जूनियर अफसर को भी जमकर फटकार लगायी दरसल न्यूक्लियसटेक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड एक निजी कंपनी है। इस कंपनी की स्थापना 25 जनवरी, 2019 को हुई थी। पूरे मामले पर सीईओ सौरभ कुमार ने सफाई दी है कि वे उस वक्त तकनीकी रूप से पदस्थ नहीं थे, लेकिन न्यायालय ने इसे बचने का प्रयास करार दिया। सीईओ ने अपनी सफाई में कहा कि वे कोर्ट के पिछले आदेशों को समझ नहीं पाए, जिस पर न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर आईएएस अधिकारी आदेश को नहीं समझ पा रहे हैं, तो यह गंभीर मामला है। हाई कोर्ट ने अधिकारी से सवाल किया की जब मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग था फिर कंपनी को लीज कैसे दिया गया वही हाई कोर्ट ने कड़ी प्रतिक्रया देते हुए कहा की कमेटी के सभी सदस्यों पर कड़ी कार्यवाही की बात कही
जरा सोचिये जिन पर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी होती है वही नियमों को ताक पर रख रहे है एक आईएएस अधिकारी जिसने हाई कोर्ट के फैसले के पहले मनमानी तौर पर लीज जारी कर दी जो साफ़ तौर पर बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर रहा है अगर जांच की परते खुले तो क्या पता और बड़े भ्रष्टाचार निकल कर सामने आये ?