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साइबर फ्रॉड के ये तीनों घटनाक्रम छत्तीसगढ़ के हैं, लेकिन इस तरह का धोखा किसी के साथ भी हो सकता है। देखने में आया है कि साइबर फ्रॉड करने वाले होशियार होते जा रहे हैं, वहीं तमाम जागरूकता अभियान के बाद आम आदमी (यहां तक कि पढ़े-लिखे लोग भी) गलतियां कर रहा है और शिकार हो रहा है।

बिलासपुर। साइबर अपराध को रोकने के लिए पुलिस और बैंकों की ओर से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी अपराध में कमी नहीं आ रही है। गौर करने वाली बात यह है कि इस जाल में पढ़े लिखे लोग भी फंस रहे हैं। यहां पढ़िए तीन केस स्टडी और रहिए अलर्ट।

केस-1: ऑनलाइन केवाईसी के चक्कर में अधिकारी से 6 लाख की ठगी

छत्तीसगढ़ के सरकंडा क्षेत्र के मोपका में रहने वाले विष्णु केडिया रोजगार नियोजन विभाग में डिप्टी डायरेक्टर हैं। उनकी पोस्टिंग मंत्रालय में है। केडिया ने पुलिस को बताया कि वे अपने बैंक खाते का ऑनलाइन केवाईसी कराने के लिए इंटरनेट साइट पर सर्च कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक साइट पर जाकर ऑनलाइन केवाईसी कराने कोशिश की।इस दौरान उनके मोबाइल पर केवाईसी कराने के लिए व्हाट्सएप पर लिंक भेजकर एप डाउनलोड करने कहा गया। एप डाउनलोड कर जैसे ही अधिकारी ने अपना बैंक डिटेल अपलोड किया, खाते से छह लाख रुपये पार हो गए।

केस-2: नर्स ने गूगल से निकाला बैंक का नंबर, हो गई 3 लाख की धोखाधड़ी

  • तिफरा में रहने वाली दीपमाला कुर्रे (36) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ नर्स हैं। उन्होंने रायपुर में जमीन खरीदी है।
  • बिल्डर को दिए चेक क्लीयर होने में समस्या आने के बाद उन्होंने पासबुक पर दिए बैंक के नंबर पर कॉल किया, जो नहीं लगा।
  • इसके बाद इंटरनेट पर गूगल सर्च कर अपने बैंक का नंबर निकाला। नर्स ने बिना पुष्टि किए ही उस नंबर पर कॉल कर दिया।
  • फोन रिसीव करने वाले ने खुद को बैंक कर्मचारी बताया। नर्स ने उन्हें अपनी समस्या बताकर चेक होल्ड के लिए कहा।
  • कर्मचारी ने पूरी मदद का आश्वासन दिया और कहा कि उनके मोबाइल पर एक लिंक भेजा जाएगा, जिस पर क्लिक करना होगा।
  • नर्स ने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया उनके एफडी खाते से अलग-अलग खातों में 345 लाख ट्रांसफर कर दिए गए।

केस-3: शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच देकर डॉक्टर से 9 लाख की ठगी

सिम्स में पदस्थ डॉ. सोनल पटेल ने बताया कि उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर ट्रेडिंग के लिए लिंक आया था। इसे ओपन करने पर जालसाजों ने उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया। ग्रुप से जुड़े लोगों ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग के लिए उकसाया। मुनाफे के लालच में आकर उन्होंने नौ जुलाई को थोड़े रुपये निवेश कर दिए। इसमें उन्हें दोगुना से ज्यादा मुनाफा हुआ। फिर और रुपये निवेश करने के लिए कहा गया।

इस पर डॉक्टर ने चार बार में नौ लाख 80 हजार रुपये निवेश कर दिए। 10 दिन में ही उनकी रकम वेबसाइट पर दोगुना से अधिक दिखाने लगा। उन्होंने अपने रुपये निकालने की कोशिश की, तो जालसाजों ने बहाना करते हुए और रुपये निवेश करने के लिए कहा। इसके बाद डॉक्टर को धोखाधड़ी का एहसास हुआ।

अच्छी तरह समझ लें ये 7 बातें, नहीं होगी धोखाधड़ी

  1. अनजान लोगों द्वारा इनाम का लालच दिए जाने पर भरोसा ना करें। ऑनलाइन मांगे जाने पर लेनदेन न करें।
  2. लुभावने ऑफर और सस्ते दाम पर मिलने वाले सामान की खरीदारी नगद या कैश ऑन डिलीवरी में करें।
  3. अनजान व्यक्ति के साथ बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर ना करें।
  4. कोई भी अनजान वेबसाइट या अनधिकृत एप अपने मोबाइल/लैपटॉप पर डाउनलोड या सर्च करने से बचें।
  5. कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने या रकम दोगुना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें।
  6. अपनी पहचान छुपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम, वाट्सएप से अश्लील चैटिंग करने से बचें।
  7. परीक्षा में अधिक अंकों का झांसा देने वाले व्यक्तियों, खासकर प्लस 92 नंबरों से होने वाले काल से बचें।

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