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वोटिंग से पहले ही सियासत के मैदान में मात खा गए ये IPS अधिकारी : BJP did not give ticket to IPS officer who took VRS before elections

बक्सरः IPS officer Anand Mishra बिहार हाईप्रोफाइल सीटों में शामिल बक्सर लोकसभा में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। भाजपा ने यहां से वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे का टिकट काट दिया है और गोपालगंज के मिथिलेश तिवारी को टिकट दिया है। इससे पहले यहां से असम के लखीमपुर जिले के एसपी आनंद मिश्रा को टिकट दिए जाने की चर्चा थी, लेकिन पार्टी ने यहां से मिथिलेश तिवारी को चुनावी मैदान पर उतारा।

PS officer Anand Mishra बता दें कि असम के लखीमपुर जिले के एसपी के रुप में अपनी सेवा दे रहे आनंद मिश्रा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। आनंद मिश्रा इस सीट पर चुनाव लड़ने के लिए खूब मेहनत कर रहे थे। माना जा रहा था कि अश्विनी चौबे का पत्ता कटने के बाद बीजेपी IPS आनंद मिश्रा को ही टिकट देगी। भाजपा ने बक्सर से मिथिलेश तिवारी को उम्मीदवार अपना प्रत्याशी घोषित किया। जिसके बाद आनंद अब सोशल कैम्पेनिग कर खुद को स्थापित करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

कौन है आनंद मिश्रा?

आइपीएस आनंद मिश्रा मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड अंतर्गत पड़सौरा गांव के निवासी हैं। उनके पिता पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रहता है। उनकी परवरिश और पढ़ाई लिखाई हुई है। आनंद मिश्रा की गिनती असम के बेहद तेज तर्रार पुलिस अफसर में होती है। असम के नगांव जिले में तैनाती के दौरान उन्होंने ड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की और खूब चर्चा में रहे। यह जानकारी मिल रही हैता है कि भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं से उनके बहुत बेहतर संबंध हैं।

2020 में भी सामने आया था ऐसा मामला

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डीजीपी का पद त्यागकर गुप्तेश्वर पांडेय विधायक बनने का सपना लेकर बक्सर पहुंचे थे। सियासत के मैदान में ऐसी पटकनी मिली कि नेता बनने का सपना त्यागकर कथावाचक बन गए।

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