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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद सेंट्रल हॉल में सात जून को एनडीए की बैठक हुई थी.

उस समय बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी के सामने कहा था, ”अब बिहार का भी सब काम हो ही जाएगा. जो कुछ भी बचा हुआ है, उसको भी कर देंगे.”

लेकिन अब ऐसा होता नहीं दिख रहा. बिहार को विशेष राज्य का दर्ज नहीं मिलेगा. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस बारे में 22 जुलाई को संसद में जानकारी दी है.बिहार को विशेष दर्जा दिए जाने से संबंधित सवाल बिहार के झंझारपुर लोकसभा सीट से जनता दल यूनाइडेट यानी जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने पूछा था.

मंडल ने पूछा था कि क्या बिहार समेत अन्य पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा देने का विचार है?

मंडल के पूछे सवाल का लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि विशेष दर्जा राष्ट्रीय विकास परिषद यानी एनडीसी की ओर से उन राज्यों को दिया जाता है, जो ख़ास चुनौतियों का सामना करते थे.

एनडीसी ने 2012 में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष दर्जे का मामला नहीं बनता है.

ये पहली बार नहीं है, जब नीतीश कुमार की कोई मांग नरेंद्र मोदी सरकार ने ना मानी हो. इससे पहले भी ऐसा कई बार हो चुका है

बिहार को विशेष श्रेणी का दर्जा: जेडीयू सांसद के पूछे सवाल पर मोदी सरकार ने संसद में ये जवाब दिया है

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