टोक्यो ओलंपिक में दो पदक, अंडर-23 स्तर के विश्व ख़िताब और विश्व स्तर की जूनियर और एशियाई चैंपियनशिप में भी बेहतरीन प्रदर्शन.
यहाँ तक कि भारत के ग्रीको रोमन पहलवान, जो कि एक कमज़ोर कड़ी माने जाते हैं, उनका प्रदर्शन भी सुधरने लगा था.
इस ट्रैक रिकॉर्ड के बाद विशेषज्ञ उम्मीद जताने लगे थे कि पेरिस ओलंपिक में भी भारतीय पहलवान 4-5 पदक जीत सकते हैं.
लेकिन जनवरी 2023 में भारत के कई प्रमुख पहलवानों ने तत्कालीन कुश्ती संघ प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया
ये पहलवान उन्हें पद से हटाने की और उन्हें गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हुए.
धीरे-धीरे पहलवानों के इस प्रदर्शन ने बहुत बड़ा रूप अख़्तियार कर लिया. विपक्षी पार्टियां, बड़े किसान नेता और समाज के कई तबके के लोगों ने आंदोलनकारी पहलवानों का समर्थन करते हुए बृजभूषण पर कार्रवाई की मांग की.
लेकिन कुश्ती जगत में ऐसे भी कई लोग थे, जिन्होंने आरोप लगाया कि पहलवानों और कुश्ती संघ के बीच चल रही खींचतान का असर कई जूनियर पहलवानों पर पड़ा. विवाद के बाद भारतीय कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया गया था.
इस दौरान कुश्ती के नेशनल कैंप नहीं लग पा रहे थे, ट्रायल्स नहीं हो पा रहे थे और पहलवान प्रतियोगिताओं में नहीं जा पा रहे थे. कुश्ती लगभग ठप पड़ गई थी.
जहाँ कुश्ती से पदकों की उम्मीद लगाई जा रही थी, वहीं बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया और रवि दहिया जैसे दिग्गज पहलवान पेरिस गेम्स के लिए क्वालीफ़ाई तक नहीं कर पाए.
सिर्फ़ अमन सहरावत ही पुरुषों के 57 किलोग्राम वर्ग में क्वालीफाई कर पाए.
21 वर्षीय अमन इकलौते पुरुष पहलवान हैं जो पेरिस में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.